प्रिय आत्मन,
Sadguru ki Dhara blog के माध्यम से हम आध्यात्मिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ रहे हैं, नई पहल कर रहे हैं। हम इसे और समृद्ध कर रहे हैं अब इसमें "मेरी साधना यात्रा" का कॉलम और add किया जा रहा है। जिसमें ओशोधारा संघ के वे मित्र जिन्होंने "परमपद" कार्यक्रम सम्पन्न कर लिया है, उनकी साधना यात्रा को प्रभु प्यासे सच्चे साधकों को लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
कि गुरुदेव के साथ, उनकी प्रभु की इस विराट यात्रा में कहां-कहां उतार-चढ़ाव आए, कहां-कहां अहंकार ने पकड़ा, कहां-कहां शिकायत भाव पैदा हुई और वे कैसे सम्हले आदि.. आदि...।
जो वर्तमान और भविष्य में आने वाले साधकों की आध्यात्मिक यात्रा के लिए पथप्रदर्शक सिद्ध होगा।
ऐसा प्रयोग आज तक भविष्य में नही हुआ, न तो किसी आध्यात्मिक संघ में इतने संत हुए और न ही उनकी पूरी यात्रा को कभी संजोया गया।
गुरुदेव के आशीष से अब यह संभव हो रहा है।
इसलिए नए साधकों को शिष्यों की आध्यात्मिक यात्रा का विवरण बहुत ही प्रेरणादायी सिद्ध होगा।
वह अध्यात्म की इस परम महिमामय यात्रा पर चलने का
साहस आसानी से जुटा पाएंगे।
उन्हें लगेगा यह तो हमारे ही जैसे हैं। जब ये इस परमधन्यता को पहुंच सकते हैं तो हम भी पहुंच सकते हैं।
ओशोधारा में सभी निष्ठावान साधकों को गुरुदेव दोनों बांहें फैलाए अध्यात्म की इस परम महिमामयी यात्रा "संतत्व" का आमंत्रण दे रहे हैं।
~ जागरण सिद्धार्थ
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