ओशो की पुकार
ओशो की पुकार!!! मेरे प्रिय आत्मन। अमरीकन बेड़ियां तो मुझे जकड़ न सकीं तथा उनके कैदखाने मुझे कैद न कर सके और न उ...
ओशो की पुकार!!! मेरे प्रिय आत्मन। अमरीकन बेड़ियां तो मुझे जकड़ न सकीं तथा उनके कैदखाने मुझे कैद न कर सके और न उ...
सदगुरु तुम्हें कंप्यूटर बना देने में उत्सुक नहीं है। उसकी उत्सुकता है कि तुम स्वयं प्रकाश बनो, तुम्हारा अस्तित्व प्रामाणिक बने, एक अम...
धन्य है यह अध्यात्म की उर्वर भूमि भारत, जो निरंतर सद्गुरुओं को पैदा किये जा रही है। इसी क्रम में सनातनधर्म को पुनः प्रतिष्ठित करने के लिए इस पावन धरा पर अवतरित हुए परमगुरु ओशो के सदशिष्य गुरुदेव सिद्धार्थ औलिया जी जिन्होंने अपने गुरु ओशो के स्वप्न को ओशोधारा रूपी रहस्य विद्यालय में प्रयोगात्मक रूप से प्रकट कर दिया है। उनके ही गुरु प्रेम से ओतप्रोत विराट जीवन की संक्षिप्त झांकी को इस blog के माध्यम से प्रकट करने का प्रयास किया जा रहा है ऐसा समझें कि सागर को गागर में भरने का प्रयास! सभी प्रभु प्यासों को गुरुदेव के साथ प्रभु की इस महिमामयी यात्रा का आमंत्रण है। गुरुदेव की अपार करुणा से अब सभी के लिए प्रभु के द्वार खुल गए हैं। अब हम इस आपाधापी भरे जीवन में भी गुरुदेव के मार्गदर्शन में प्रभु को जान कर उसके प्रेम में जी सकते हैं। और इस संसार में कमलवत रहकर अपने सारे दायित्वों को निभाते हुए, जीने का मज़ा ले सकते हैं।आइए हम सभी भारत को, सनातनधर्म को पुनः उसकी उत्तुंग आध्यात्मिक ऊंचाइयों में प्रतिष्ठित करें। 🕉️🙏जय गुरुदेव🙏🕉️ जागरण सिद्धार्थ
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